Health benefits of eating sago / saboodana:
साबूदाना शाकाहार कहा जाता है और व्रत, उपवास में इसका काफी प्रयोग होता है। लेकिन शाकाहार होने के बावजूद भी साबूदाना पवित्र नहीं है।
साबूदाना किसी पेड़ पर नहीं ऊगता । यह कासावा या टैपियोका नामक कन्द से बनाया जाता है । कासावा वैसे तो दक्षिण अमेरिकी पौधा है लेकिन अब भारत में यह तमिलनाडु,केरल, आन्ध्रप्रदेश और कर्नाटक में भी उगाया जाता है । केरल में इस पौधे को “कप्पा” कहा जाता है । इस कन्द में भरपूर स्टार्च होता है । यह सच है कि साबूदाना (Tapioca) कसावा के गूदे से बनाया जाता है परंतु इसकी निर्माण विधि इतनी अपवित्र है कि इसे शाकाहार एवं स्वास्थ्यप्रद नहीं कहा जा सकता।
साबूदाना बनाने के लिए सबसे पहले कसावा को खुले मैदान में बनी कुण्डियों में डाला जाता है तथा रसायनों की सहायता से उन्हें लम्बे समय तक गलाया, सड़ाया जाता है। इस प्रकार सड़ने से तैयार हुआ गूदा महीनों तक खुले आसमान के नीचे पड़ा रहता है। रात में कुण्डियों को गर्मी देने के लिए उनके आस-पास बड़े-बड़े बल्ब जलाये जाते हैं। इससे बल्ब के आस-पास उड़ने वाले कई छोटे मोटे जहरीले जीव भी इन कुण्डियों में गिर कर मर जाते हैं।
दूसरी ओर इस गूदे में पानी डाला जाता है जिससे उसमें सफेद रंग के करोड़ों लम्बे कृमि पैदा हो जाते हैं। इसके बाद इस गूदे को मजदूरों के पैरों तले रौंदा जाता है। इस प्रक्रिया में गूदे में गिरे हुए कीट पतंग तथा सफेद कृमि भी उसी में समा जाते हैं। यह प्रक्रिया कई बार दोहरायी जाती है। और फिर उनमें से प्राप्त स्टार्च को धूप में सुखाया जाता है । जब यह पदार्थ लेईनुमा हो जाता है तो मशीनों की सहायता से इसे छन्नियों पर डालकर गोलियाँ बनाई जाती हैं ,ठीक उसी तरह जैसे की बून्दी छानी जाती है ।
इन गोलियों को फिर नारियल का तेल लगी कढ़ाही में भूना जाता है और अंत में गर्म हवा से सुखाया जाता है । और मोती जैसे चमकीले दाने बनाकर साबूदाने का नाम रूप दिया जाता है
बस साबूदाना तैयार । फिर इन्हे आकार ,चमक, सफेदी के आधार पर अलग अलग छाँट लिया जाता है और बाज़ार में पहुंचा दिया जाता है । परंतु इस चमक के पीछे कितनी अपवित्रता छिपी है वह सभी को दिखायी नहीं देती।
मांशाहारी हो तो ...साबूदाना ये फायदा करता है ----
शरीर को ऊर्जा देता है
साबूदाना में कार्बोहाइड्रेट भरपूर मात्रा में होता है और फैट्स कम होता है इसलिए इसके सेवन से शरीर के तुरंत ऊर्जा मिलती है।
शरीर को ठंडा रखता है
'द न्यू ऑक्सफोर्ड बुक ऑफ फूड प्लांट्स' के अनुसार, चावल के साथ साबूदाना का कांबिनेशन शरीर की गर्मी को कम करने और ठंडक पहुंचाने में मदद करता है।
पाचन में आसान
साबूदाना पाचन में आसान है इसलिए पेट से जुड़ी समस्याओं में इसका सेवन काफी फायदेमंद है।
पोषक तत्व
साबूदाना में कार्बोहाइड्रेट 87 ग्राम है, कैलोरी 351, फैट्स 0.2 ग्राम और प्रोटीन 0.2 ग्राम है। यही वजह है कि फलाहारी डाइट में इसे दूध, आलू, मूंगफली आदि के साथ मिलाकर बनाया जाता है जिससे पोषक तत्वों की कमी पूरी हो सके।
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