Baby Care Tips in Hindi:
दुनिया में सबसे अनमोल रिश्ता माँ और शिशु का होता है। इस रिश्ते को माँ से बेहतर और कोई नहीं जान सकता। जन्म लेते ही शिशु की देखभाल बहुत सावधानी से की जानी चाहिए। जब बच्चा रोता है तो यह समझा जाता है कि उसे कोई तकलीफ है, लेकिन ऐसा नहीं है।
आइए देखते हैं अपने नवजात शिशु की देखभाल करते समय किन बातों पर विशेष ध्यान देने की जरूरत हैं-
नवजात शिशु के लिए माँ का दूध ही सर्वोत्तम माना जाता है। माँ को बच्चे को तब तक दूध पिलाना चाहिए, जब तक वह पूरी तरह से संतुष्ट न हो जाए।
रोना बच्चे के लिए एक अच्छा अभ्यास है। उसके रोने पर उसे मारें या डाँटें नहीं, बल्कि उसे प्यार से चुप कराएँ। यदि ज्यादा रोए तो डॉक्टर को दिखाएँ। बच्चों के रोने पर यह जरूरी नहीं है कि उसे तकलीफ है। सामान्यतः बच्चों के पेट में तकलीफ होने से भी वह रोते हैं।
मालिश से बच्चों का शारीरिक विकास होता है। मालिश जैतून, बादाम का तेल या बेबी ऑइल से करें। मालिश ज्यादा भारी हाथों से नहीं, हल्के हाथों से करें। बच्चे की मालिश सावधानीपूर्ण की जानी चाहिए।
नवजात शिशु को नहलाने के लिए पहले टब में गुनगुना पानी भरें। ध्यान रखिए पानी गर्म न हो। नहलाने में नर्म साबुन प्रयोग करें। फिर शिशु को उसमें बिठाइए जब तक बच्चा बैठने लायक नहीं होता, उसकी गर्दन एवं पीछे की तरफ हाथों से सहारा दीजिए। शिशु को टब में बिठाने के बाद उसमें ऊपर से पानी न भरें। ठंड के दिनों में शिशु को प्रतिदिन नहलाना आवश्यक नहीं है।
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