Simple Remedies for Diseases:
शीशम का वैज्ञानिक नाम डेलबर्जिया शीशू (Dalbergia sissoo) हैं, इसका देसी नाम शीशम तथा अंग्रेजी में इसे शीशू (Sissoo) के नाम से जाना जाता है। यह एक विशाल पर्णपाती (Deciduous) वृक्ष होता है, जिसकी ऊँचाई 30 मी0 तक होती है।
पारम्परिक चिकित्सा पद्धति में पत्तियों का अर्क सूजाक (Gonorrhoea) बिमारी के इलाज हेतु दिया जाता है।
जड़ में खून का थक्का बनाने का गुण पाया जाता है।
शीशम की काष्ठ का शर्बत रक्त विकार के उपचार में कारगर होता है।
पत्तियों का क्वाथ फोड़े-फुंसी (Pimples) के उपचार में सहायक होता है।
नेत्ररोग में पत्तों का स्वरस शहद में मिलाकर 1-2 बूंद आँख में डालने से लाभ होता है।
8-10 पत्तो को दिन में ३ बार चबाते रहने से केंसर जैसी बीमारी ठीक होने लगती है |
जड़ में खून का थक्का बनाने का गुण पाया जाता है।
शीशम की काष्ठ का शर्बत रक्त विकार के उपचार में कारगर होता है।
पत्तियों का क्वाथ फोड़े-फुंसी (Pimples) के उपचार में सहायक होता है।
नेत्ररोग में पत्तों का स्वरस शहद में मिलाकर 1-2 बूंद आँख में डालने से लाभ होता है।
8-10 पत्तो को दिन में ३ बार चबाते रहने से केंसर जैसी बीमारी ठीक होने लगती है |
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